Monday, April 25, 2016
अभिलाषा
नए शतक में बने सशक्त,
मन में कर के कुछ दृढ़ विचार !
नए समाज का गठन करें,
मिल दूर करें यह भ्रष्टाचार !
अपनी संस्कृति पर गर्व करें,
करके पश्चिम का बहिष्कार !
गाँधी-शास्त्री का स्मरण कर,
जीवन में लाएँ सदाचार !
जीत लें सारे जग का मन,
प्रेम का कर के निर्मल व्यवहार !
गुरूजनों का आशीष ले ,
विकसित करें सुसंस्कार !
स्वयम से ऊपर उठ कर जानें,
कितना सुख देता परोपकार !
निस्वार्थ प्राण त्याग रण में,
वीर जग को दे जाता जीवन उपहार!
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